Bhagat Singh (भगत सिंह) - Revolutionary India

"भगत सिंह"... जब भी हम ये नाम सुनते है.. दिल में देशभक्ति जाग जाती है ,आंखों में चमक सी आ जाती है..और एक पगड़ी वाला सरदार हल्की सी मूछ दाढ़ी में नज़र आता है। आज से मैं बात करूंगा भगत सिंह की ...उसके विचार पर,उनके सपनों के भारत पर,उनकी फांसी के ऊपर कि ...कैसे उसे फांसी मिली! ऐसे कौन से हालात थे कि भगत को गांधी भी नही बचा पाए ?दोस्तों.. 23 साल की उम्र क्या होती है। आज के समय मे तो लोग ये नही समझ पाते है कि भबिष्य में करना क्या है और ऐसे पागलों को देखो देश के लिए मर मिटे।
आज आप में से कुछ पढ़ेंगे इसे और कुछ नही । कुछ बोलेंगे कि ऐसे ही बकवास लिखा है इसने।उम्मीद है आपको पसंद आएगा...
भगत सिंह ऐसा वैसा नाम नही है कि कोई भी आये और भगत सिंह के नाम के नारे लगाने लग जाये या कोई और नारे लगाने लग जाये। भगत सिंह ऐसा नाम है जिसे हम न तो शब्दों में और ना ही नारों में बयान कर सकते है।
मैं तो ऐसा बोलूंगा कि भगत सिंह को हम तब तक नही समझ सकते हैं, जब तक हम भगत के जैसी सोच , उनके जैसी भावना, उनके जैसा जोश , उनके जैसा पागलपन ओर साथ में उनके जैसी देशभक्ति देश के प्रति प्रेम और देश के लिए उनकी जैसी सोच तब तक हम भगत सिंह को ना जान पाएंगे ना उनके जैसा बन पाएंगे।
भगत सिंह ने खुद कहा था कि क्रांति करना कोई आसान काम नही है। इसके लिए हर चीज़ का त्याग करना पड़ता है


Sahil Palad
इंक़लाब जिंदाबाद

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