Bhagat singh(भगत सिंह) Chapter 2
दोस्तों! मैं कोई भगत सिंह की जीवनी नही लिख रहा हूँ या आप ये समझे कि मैं भगत सिंह के जीवन के बारे में कुछ बताना चाहता हूं। अगर आप ऐसा सोच रहे हैं तो आप गलत हैं। क्योंकि आप सब ने भगत सिंह के बारे में पढा ही है और आपने उन पर बनीं फ़िल्म भी देखी ही होंगी तो लिहाज़ा उनके जीवन के बारे में आप जानते ही होंगे।
मैं तो भगत सिंह की सोच लिखने का प्रयास करूंगा... भगत सिंह किस तरह जीते थे ..क्या सोच रखते थे.. कैसा उनका जुनून रहा होगा.. मैं इन सब के बारे में लिखने की कोशिश करूंगा। क्योंकि देश में हज़ारों ऐसी संस्थाये होंगी जो भगत सिंह के नाम से कार्य करती होंगी, लेकिन उन सब में ऐसी बहुत कम संस्थाएं होंगी जो सही मायने में भगत सिंह के विचार को सच करने में लगी हों!
आप खुद सोचिये 23 साल की उम्र में भगत सिंह ने देश के लिए क्या क्या सोच कर रखा था... कैसा भारत होना चाहिए.... किस तरह देश की व्यवस्था होनी चाहिए । उनका सपना था....एक समाजवादी वतन.....
भगत सिंह ऐसा देश बनाना चाहते थे जिसमें अमीर गरीब में कोई फर्क ना हो।...अमीर ज्यादा अमीर ना होता जाए और गरीब बहुत गरीब ना हो..
आज के आखिर में ये बताना चाहता हूँ कि भगत सिंह जितने अच्छे क्रांतिकारी थे उतने ही अच्छे लेखक थे उतने ही अच्छे director, scriptwritter, और actor थे.. अपने 23 साल के जीवन मे वो एक बहुत बढ़िया किरदार तो निभा गए पर उनकी स्क्रिप्ट का शोषणमुक्त भारत आज भी अधूरा ही है...
इंक़लाब जिंदाबाद
मैं तो भगत सिंह की सोच लिखने का प्रयास करूंगा... भगत सिंह किस तरह जीते थे ..क्या सोच रखते थे.. कैसा उनका जुनून रहा होगा.. मैं इन सब के बारे में लिखने की कोशिश करूंगा। क्योंकि देश में हज़ारों ऐसी संस्थाये होंगी जो भगत सिंह के नाम से कार्य करती होंगी, लेकिन उन सब में ऐसी बहुत कम संस्थाएं होंगी जो सही मायने में भगत सिंह के विचार को सच करने में लगी हों!
आप खुद सोचिये 23 साल की उम्र में भगत सिंह ने देश के लिए क्या क्या सोच कर रखा था... कैसा भारत होना चाहिए.... किस तरह देश की व्यवस्था होनी चाहिए । उनका सपना था....एक समाजवादी वतन.....
भगत सिंह ऐसा देश बनाना चाहते थे जिसमें अमीर गरीब में कोई फर्क ना हो।...अमीर ज्यादा अमीर ना होता जाए और गरीब बहुत गरीब ना हो..
आज के आखिर में ये बताना चाहता हूँ कि भगत सिंह जितने अच्छे क्रांतिकारी थे उतने ही अच्छे लेखक थे उतने ही अच्छे director, scriptwritter, और actor थे.. अपने 23 साल के जीवन मे वो एक बहुत बढ़िया किरदार तो निभा गए पर उनकी स्क्रिप्ट का शोषणमुक्त भारत आज भी अधूरा ही है...
इंक़लाब जिंदाबाद
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